तिरंगे के रंगो में देखा है -एक सपना
तिरंगे के रंगो में देखा है
-एक सपना
आने वाला कल होगा, निर्भिक
सब कुछ होगा अपना
कच्ची धुप में खिलेंगे,
खेलेंगे और खिलखिलायेंगे
जिन खुशियों के लिए तरसती थी आँखें
सब मिल-जुल बढ़ेंगे
ऐसा कल हो अपना
धर्म-जाति का नाम न लेंगे
छोटे-बड़े में द्वेष न होंगे
ऐसा देश हो अपना
नेता-नीति की बात न होंगी
मानव सेवा ही धर्म हो अपना
बड़े-बूढ़े मार्गदर्शक हो अपने
हँसता हो बचपन अपना
पैसे के मोल न होंगे
स्नेह-भाव हो पथिक अपना
'आसरा' की सोच है ऐसी
सुन्दर सजता सपना
तिरंगे के रंगो में देखा है
-एक सपना
-एक सपना
आने वाला कल होगा, निर्भिक
सब कुछ होगा अपना
कच्ची धुप में खिलेंगे,
खेलेंगे और खिलखिलायेंगे
जिन खुशियों के लिए तरसती थी आँखें
सब मिल-जुल बढ़ेंगे
ऐसा कल हो अपना
धर्म-जाति का नाम न लेंगे
छोटे-बड़े में द्वेष न होंगे
ऐसा देश हो अपना
नेता-नीति की बात न होंगी
मानव सेवा ही धर्म हो अपना
बड़े-बूढ़े मार्गदर्शक हो अपने
हँसता हो बचपन अपना
पैसे के मोल न होंगे
स्नेह-भाव हो पथिक अपना
'आसरा' की सोच है ऐसी
सुन्दर सजता सपना
तिरंगे के रंगो में देखा है
-एक सपना
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