फेसबुक सेंट्रिक अप्रोच !
"आज
मैंने एक नयी टैबलेट ली है", "मुझे
ट्रैफिक पुलिस ने रेड सिग्नल जम्प करने पर पेनालिटी ले ली",
"हाई ऑल ... आई ऍम ब्लेस्ड
विथ बेबी गर्ल", "ये
फोटो चमत्कारी है..इसे ५ मिनट के अन्दर शेयर करे और अपने जीवन में लाभ पाए", आज मैंने किचेन में मैग्गी बनाई है",
"उफ्फ.. सुबह नहाते वक्त
नल से पानी चला गया, ये
सरकार एक दम निकम्मी है", आदि, आदि......
ये है आज का फेसबुक वाल अपडेट्स जो मेरे मित्रों ने पोस्ट किया है. यह ऍफ़ बी (फेसबुक) वाल भी बड़ा चमत्कारी है. इसमें हर सेकंड कुछ नया लिखा जाता है और बिना मिटाए फिर कुछ और लिखा जा सकता है. ऍफ़ बी (फेसबुक) वाल का दूसरा सिरा अनंत है. इसके सामने चाइना वाल भी छोटा दिखता है. साइबर दुनिया के कृष्ण - कन्हैया, मिस्टर ज़करबर्ग ने ऐसी चीज को जन्म दिया है जो सबके सुख-दुःख को आपस में शेयर करने की 'फ्रीडम' देता है.
अब तो सारे त्यौहार, कार्य-क्रम, जन्मदिन, यहाँ तक की नित्य दिन का क्रिया-कलाप भी ऍफ़ बी (फेसबुक) पर मनाये और बताये जाने लगे हैं. इसके बहुत सारे लाभ और हानि हैं. पहले लाभ की बात करे तो आपका सामान्य ज्ञान बढ़ता है और आप अपने आप को समाज में 'अपडेटेड' महसूस करते हैं. अब छोटे-मोटे हानि की बात कर ले बहुत लोगों की गोपनीय बात भी इसी ऍफ़ बी (फेसबुक) पर उजागर होती दिखती है. मेरे एक पडोसी हैं - चड्ढा जी, उनके यहाँ अक्सर तू-तू ..मैं-मैं होती रहती है. उनकी पत्नी को शक है की उनके पति का शर्मा जी के पत्नी से चक्कर चल रहा है. ये शक तब पुख्ता हुआ जब मिसेस चड्ढा ने शर्मा जी के ऍफ़ बी (फेसबुक) फ्रेंड लिस्ट में शर्मा जी की पत्नी का नाम देखा है. गवाह के तौर पर मिसेस चड्ढा ने ऍफ़ बी (फेसबुक) का 'स्क्रीन शॉट' ले लिया है. अभी ताज़ा अपडेट ये है की मिस्टर एंड मिसेस चड्ढा ने 'डिवोर्स' फाइल कर दिया है. जय हो ऍफ़ बी (फेसबुक) की!
एक दूसरा वाकया ले ले.... हमारे सुपर स्टार दिवंगत श्री राजेश खन्ना साहब की. उनके आत्मा की शान्ति के लिए पूरी दुनिया ने प्रार्थना की एवं शोक व्यक्त किया. ऍफ़ बी (फेसबुक) की दुनिया ने भी अपने वाल पर श्रधा सुमन अर्पित किये. साथ ही साथ ऍफ़ बी (फेसबुक) पर उनके 'एक्स्ट्रा-मैरिटल' अफैर की खबर आग की तरह फ़ैल गयी. परदे के पीछे का राज़ भी ऍफ़ बी (फेसबुक) ने परत-दर-परत खोल दी. RIP - राजेश खन्ना साहब!
ऍफ़ बी (फेसबुक) का मैं बहुत शुक्रगुज़ार हूँ क्योंकि इसने बहुत सारे लोगों के अन्दर छिपे 'टैलेंट' को उभार कर बाहर लाने का एक नेक प्रयास किया है. मेरे बहुत सारे मित्र हैं (और उनके जो मित्र हैं) जिनके बहुयामी प्रतिभा को मैंने ऍफ़ बी (फेसबुक) के ज़रिये ही जाना है. इसके पोस्ट ने एवं इसके वाल ने, मुझे ये बताया की कुछ मेरे मित्र बहुत अच्छे चित्रकार हैं तो कोई बहुत अच्छा गाते हैं. मेरी कुछ महिला मित्र बहुत अच्छा फोटोग्राफी करती हैं तो कोई बहुत अच्छी कवियत्री हैं. एक ऐसे मित्र भी हैं मेरे जो बहु प्रतिभाशाली हैं. लेकिन ऍफ़ बी (फेसबुक) ने मुझे बताया की वो सर्व गुण संपन्न हैं - जैसे चित्रकार भी, बहुत अच्छे बासुरी वादक भी, माउथ ऑर्गन भी अच्छा बजाते हैं, और तो और आज कल 'स्पिरिचुआलिटी' की बड़ी बड़ी बातें भी ऍफ़ बी (फेसबुक) पर बताते हैं.
ऍफ़ बी (फेसबुक) ने बहुत लोगों की दुकान चलाने का भी ठेका ले रखा है. जैसे आज कल 'डिज़िटल स्टूडियो' का बोल-बाला है. आपको अपने ऍफ़ बी (फेसबुक) पर कितना अच्छा दिखना है और कब अपने प्रोफाइल को बदलना है सब एक टाइम टेबल के तहत होता है. लोग हर पोज़ में अपने ऍफ़ बी (फेसबुक) प्रोफाइल पर दिखते हैं. पुरे भारत में कोई ही ऐसा होगा जो अपना ऍफ़ बी (फेसबुक) प्रोफाइल न बदला हो सिर्फ हमारे अपने प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह को छोड़ कर. उन्होंने एक ही पोज़ दिया हुआ है - नो एक्शन एंड नो रिएक्शन ! ऍफ़ बी (फेसबुक) ने 'वर्चुअल' दुनिया की वास्तविकता को बखूबी निभाने कि कोशिश की है. अगर मैं किसी कारणवश अपने रिश्तेदार के फंक्सन में न जा पाऊं तो बहुत दुःख होता है. उसका दुःख भी जाहिर करता हूँ ऍफ़ बी (फेसबुक) के माध्यम से और ऍफ़ बी (फेसबुक) आपके दुखते अंतर्मन्न को सहज ही पढ़ लेता है और दुसरे ही पल आपके उस रिश्तेदार के कार्यक्रम के फोटो को आपके लिए डाल देता है. आप सारे रंग-बिरंगे फोटो को देख ऐसा महसूस करते हैं जैसे आप भी उस कार्यक्रम में मौजूद थे. थैंक यू, ऍफ़ बी (फेसबुक) अपनों से नज़दीक लाने के लिए!
आपके विचार, आपकी सोच, आपकी अभिरुचि, आपके दिनचर्या, जैसा है, उसी तरह का आपका ऍफ़ बी (फेसबुक) प्रोफाइल भी होता है. आपकी कुशलता, चिंतन, मनन का दर्पण है ऍफ़ बी (फेसबुक).
आज साइबर दुनिया से जुड़े लोगों का अप्रोच - ऍफ़ बी (फेसबुक) सेंट्रिक हो गया है. एक बार पुनः धन्यवाद देना चाहुँगा ऍफ़ बी (फेसबुक) और इसके जन्मदाता - जकरबर्ग को जिसने मुझे ये सब लिखने कि प्रेरणा दी. एक बार पुनः धन्यवाद ऍफ़ बी (फेसबुक)!
ये है आज का फेसबुक वाल अपडेट्स जो मेरे मित्रों ने पोस्ट किया है. यह ऍफ़ बी (फेसबुक) वाल भी बड़ा चमत्कारी है. इसमें हर सेकंड कुछ नया लिखा जाता है और बिना मिटाए फिर कुछ और लिखा जा सकता है. ऍफ़ बी (फेसबुक) वाल का दूसरा सिरा अनंत है. इसके सामने चाइना वाल भी छोटा दिखता है. साइबर दुनिया के कृष्ण - कन्हैया, मिस्टर ज़करबर्ग ने ऐसी चीज को जन्म दिया है जो सबके सुख-दुःख को आपस में शेयर करने की 'फ्रीडम' देता है.
अब तो सारे त्यौहार, कार्य-क्रम, जन्मदिन, यहाँ तक की नित्य दिन का क्रिया-कलाप भी ऍफ़ बी (फेसबुक) पर मनाये और बताये जाने लगे हैं. इसके बहुत सारे लाभ और हानि हैं. पहले लाभ की बात करे तो आपका सामान्य ज्ञान बढ़ता है और आप अपने आप को समाज में 'अपडेटेड' महसूस करते हैं. अब छोटे-मोटे हानि की बात कर ले बहुत लोगों की गोपनीय बात भी इसी ऍफ़ बी (फेसबुक) पर उजागर होती दिखती है. मेरे एक पडोसी हैं - चड्ढा जी, उनके यहाँ अक्सर तू-तू ..मैं-मैं होती रहती है. उनकी पत्नी को शक है की उनके पति का शर्मा जी के पत्नी से चक्कर चल रहा है. ये शक तब पुख्ता हुआ जब मिसेस चड्ढा ने शर्मा जी के ऍफ़ बी (फेसबुक) फ्रेंड लिस्ट में शर्मा जी की पत्नी का नाम देखा है. गवाह के तौर पर मिसेस चड्ढा ने ऍफ़ बी (फेसबुक) का 'स्क्रीन शॉट' ले लिया है. अभी ताज़ा अपडेट ये है की मिस्टर एंड मिसेस चड्ढा ने 'डिवोर्स' फाइल कर दिया है. जय हो ऍफ़ बी (फेसबुक) की!
एक दूसरा वाकया ले ले.... हमारे सुपर स्टार दिवंगत श्री राजेश खन्ना साहब की. उनके आत्मा की शान्ति के लिए पूरी दुनिया ने प्रार्थना की एवं शोक व्यक्त किया. ऍफ़ बी (फेसबुक) की दुनिया ने भी अपने वाल पर श्रधा सुमन अर्पित किये. साथ ही साथ ऍफ़ बी (फेसबुक) पर उनके 'एक्स्ट्रा-मैरिटल' अफैर की खबर आग की तरह फ़ैल गयी. परदे के पीछे का राज़ भी ऍफ़ बी (फेसबुक) ने परत-दर-परत खोल दी. RIP - राजेश खन्ना साहब!
ऍफ़ बी (फेसबुक) का मैं बहुत शुक्रगुज़ार हूँ क्योंकि इसने बहुत सारे लोगों के अन्दर छिपे 'टैलेंट' को उभार कर बाहर लाने का एक नेक प्रयास किया है. मेरे बहुत सारे मित्र हैं (और उनके जो मित्र हैं) जिनके बहुयामी प्रतिभा को मैंने ऍफ़ बी (फेसबुक) के ज़रिये ही जाना है. इसके पोस्ट ने एवं इसके वाल ने, मुझे ये बताया की कुछ मेरे मित्र बहुत अच्छे चित्रकार हैं तो कोई बहुत अच्छा गाते हैं. मेरी कुछ महिला मित्र बहुत अच्छा फोटोग्राफी करती हैं तो कोई बहुत अच्छी कवियत्री हैं. एक ऐसे मित्र भी हैं मेरे जो बहु प्रतिभाशाली हैं. लेकिन ऍफ़ बी (फेसबुक) ने मुझे बताया की वो सर्व गुण संपन्न हैं - जैसे चित्रकार भी, बहुत अच्छे बासुरी वादक भी, माउथ ऑर्गन भी अच्छा बजाते हैं, और तो और आज कल 'स्पिरिचुआलिटी' की बड़ी बड़ी बातें भी ऍफ़ बी (फेसबुक) पर बताते हैं.
ऍफ़ बी (फेसबुक) ने बहुत लोगों की दुकान चलाने का भी ठेका ले रखा है. जैसे आज कल 'डिज़िटल स्टूडियो' का बोल-बाला है. आपको अपने ऍफ़ बी (फेसबुक) पर कितना अच्छा दिखना है और कब अपने प्रोफाइल को बदलना है सब एक टाइम टेबल के तहत होता है. लोग हर पोज़ में अपने ऍफ़ बी (फेसबुक) प्रोफाइल पर दिखते हैं. पुरे भारत में कोई ही ऐसा होगा जो अपना ऍफ़ बी (फेसबुक) प्रोफाइल न बदला हो सिर्फ हमारे अपने प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह को छोड़ कर. उन्होंने एक ही पोज़ दिया हुआ है - नो एक्शन एंड नो रिएक्शन ! ऍफ़ बी (फेसबुक) ने 'वर्चुअल' दुनिया की वास्तविकता को बखूबी निभाने कि कोशिश की है. अगर मैं किसी कारणवश अपने रिश्तेदार के फंक्सन में न जा पाऊं तो बहुत दुःख होता है. उसका दुःख भी जाहिर करता हूँ ऍफ़ बी (फेसबुक) के माध्यम से और ऍफ़ बी (फेसबुक) आपके दुखते अंतर्मन्न को सहज ही पढ़ लेता है और दुसरे ही पल आपके उस रिश्तेदार के कार्यक्रम के फोटो को आपके लिए डाल देता है. आप सारे रंग-बिरंगे फोटो को देख ऐसा महसूस करते हैं जैसे आप भी उस कार्यक्रम में मौजूद थे. थैंक यू, ऍफ़ बी (फेसबुक) अपनों से नज़दीक लाने के लिए!
आपके विचार, आपकी सोच, आपकी अभिरुचि, आपके दिनचर्या, जैसा है, उसी तरह का आपका ऍफ़ बी (फेसबुक) प्रोफाइल भी होता है. आपकी कुशलता, चिंतन, मनन का दर्पण है ऍफ़ बी (फेसबुक).
आज साइबर दुनिया से जुड़े लोगों का अप्रोच - ऍफ़ बी (फेसबुक) सेंट्रिक हो गया है. एक बार पुनः धन्यवाद देना चाहुँगा ऍफ़ बी (फेसबुक) और इसके जन्मदाता - जकरबर्ग को जिसने मुझे ये सब लिखने कि प्रेरणा दी. एक बार पुनः धन्यवाद ऍफ़ बी (फेसबुक)!
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